Sputnik v vaccine

Sputnik v vaccine (स्पूतनिक v वैक्सीन)

तो दोस्तो आज हम जानेंगे! स्पूतनिक v वैक्सीन के बारे में !जैसा की हम जानते है की कोरोना की इस संकट घड़ी में लोग काफी डरे हुए है ,और सरकार भी इसे रोकने के अथक प्रयास कर रही है,एक समय ऐसा लग रहा था की ये चेन लगभग टूट ही जायेगी पर लोगों की लापरवाही और सतर्कता ना बरतने  के कारण यह अब भयावह रूप ले चुका है ,और अपनी चरम पर है ।तो इसे रोकने के प्रयास में हमारे देश में बने दो वैक्सीन का सहारा लिया जा रहा था,पर अब एक और अच्छी खबर आई है की रूस में बनी एक और वैक्सिन को भारत आयात करेगा और टीकाकरण अभियान में  शामिल करेगा ।

तो आइए जानते है स्पूतनिक वैक्सीन के बारे में।
 
काफी लोगों के मन में अभी भी किसी भी वैक्सीन को लेकर डर बना हुआ है की कही वैक्सिन लेने के बाद कोई गंभीर साइड इफैकट के शिकार ना हो जाए ,तो हमारे दोनो वैक्सीन निर्माताओं के तरफ से साफ तौर पे रिसर्च के आधार पे ये दावा किया है की दोनो वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और साथ ही भारत सरकार ने भी ये अपील की है की बिना झिझक के वैक्सिनेशन में सहयोग करे और टीका लगवाए ।बात की जाए स्पूतनिक  v  की तो  मॉस्को के  गैमालेया इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित इस वैक्सीन के ट्रायल के अंतिम नतीजे सामने आने के पहले ही इसकी मंज़ूरी के चलते शुरू में कुछ विवाद पैदा हो गया था. हालांकि वैज्ञानिकों के अनुसार अब इसके फ़ायदे ज़ाहिर हो गए हैं।तो इस वैक्सीन की भारत में आने की अटकलों पे विराम लग गया है।
तो अब बात आती है की कोरोनो जैसी महामारी पे कितना असरदार है !कोरोना के जेनेटिक कोड का एक अंश जब शरीर में जाता है तो इम्यून सिस्टम बिना शरीर को बीमार किए इस ख़तरे को पहचानकर उससे लड़ना सीख जाता है. टीका लगाने के बाद शरीर कोरोना वायरस के अनुरूप एंटीबॉडी का उत्पादन करना शुरू कर देता है. इसका अर्थ यह हुआ कि टीके के बाद शरीर का इम्यून सिस्टम वास्तव में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार हो जाता है.
इस वैक्सीन की खास बात है की इसे दो से आठ डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर स्टोर किया जा सकता है. इस वजह से इस वैक्सीन का भंडारण और ढुलाई करना आसान है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीन की मार्केटिंग करने वाले रूसी कंपनी रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फ़ंड यानी आरडीआईएफ़ ने भारत में स्पुतनिक V की 75 करोड़ से अधिक ख़ुराक बनाने के लिए क़रार किया है. 

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